हर्षोल्लास से मनाया संस्कृत दिवस
'संस्कृत भाषा हर भाषा की जननी’ के महत्व को दर्शाते हुए आज भारतीय विद्या मंदिर, सेक्टर-39, लुधियाना में ‘संस्कृत दिवस’ बड़े उत्साह के साथ मनाया गया | जिस के अंतर्गत छात्रों ने ‘सूक्ति ज्ञान’, ‘गीता श्लोकोच्चारण’ व ‘संस्कृत गीत गायन’ गतिविधियों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया |
संस्कृत आचार्य श्री सुनील जी ने संस्कृत दिवस के महत्व को बताते हुए कहा कि संस्कृत भाषा विश्व की सबसे प्राचीन एवं वैज्ञानिक भाषा है तथा विश्व का सबसे बड़ा शब्दकोश भी संस्कृत भाषा का है | संस्कृत में ही भारतीय संस्कृति निहित है | भारतीय संस्कृति ही हमें बताती है कि केवल भारत ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व हमारा परिवार है |
प्रधानाचार्या श्रीमती उपासना जी मोदगिल ने उपस्थित जनों को सन्देश देते हुए कहा कि वैज्ञानिकता के साथ-साथ आध्यात्मिकता को स्पष्ट करने वाली यह भाषा आज भारत ही नहीं अपितु पश्चिमी देशो के राजनेताओं को भी प्रिय है | संस्कृत भाषा के महत्व को समझाते हुए उन्होंने छात्रों को इस भाषा को राष्ट्रीय ही नहीं अपितु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यथोचित स्थान दिलाने की प्रेरणा दी |